मेरे शुभचिंतक और समालोचक जिनके विश्वास एवं संबल पर मैं यहाँ लिख पा रहा हूँ!

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Monday, December 7, 2009

प्रेसपालिका के बारे में पाठकों का क्या कहना है?

प्रेसपालिका के बारे में पाठकों का क्या कहना है?
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जानकी पुरुषोत्तम मीणा
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हमारे पास लगातार फोन एवं मोबाइल आ रहे हैं, जिनमें पाठकों द्वारा प्रेसपालिका में किये गये परिवर्तनों पर प्रतिक्रियाएँ प्रदान की जाती हैं। अधिकतर पाठक प्रेसपालिका में किये गये परिवर्तनों से बेहद खुश हैं। प्रतिक्रियाओं से अब लगता है कि पाठक फोन और मोबाइल पर प्रतिक्रिया देने में धन खर्च करने को तो तत्पर है, लेकिन लिखकर प्रतिक्रियाएँ नहीं भेज सकते हैं। इस वजह से हम उनके नाम से प्रतिक्रियाएँ नहीं छाप सकते हैं। फिर भी पाठकों का क्या कहना है, इसे अन्य पाठकों के लिये भी जानना चाहिये। इसी बात को ध्यान में रखते हुए, कुछ पाठकों की प्रतिक्रियाओं का सार हम इस बार आपको बतलाना चाहते हैं।
एक पाठक का कहना है कि आयुर्वेद पर एक विषय को लेकर प्रदान की जाने वाली विस्तिृत जानकारी बहुत ही अच्छी लगती हैं। थोड़ा-थोड़ा पूर्व में आयुर्वेद का ज्ञान दिया जाता था, लेकिन अब एक विषय के बारे में सम्पूर्ण जानकारी प्रकाशित करने के बाद प्रेसपालिका के अंक संग्रहणीय बन गये
एक अन्य पाठक का कहना है डॉ। पुरुषोत्तम मीणा के सभी लेख ज्ञानवर्द्धनक और मार्गप्रशस्त करने वाले होते हैं, जिनमें हर बार किसी न किसी दिल को छू लने वाले विषय को बुलन्दी से उठाया जाता है। डॉ। मीणा के लेखों को पढकर जहाँ एक ओर पाठकों को आगे की दिशा मिलती हैं, वहीं दूसरी ओर इनसे नयी ऊर्जा का भी संचार होता है। यदि बीमार व्यक्ति भी इन लेखों का पढ ले तो बिस्तर को छोड़कर संघर्ष के लिये खड़ा हो जाये।
एक अन्य पाठक कहते हैं कि ओशो पर अधिक जानकारी प्रकाशित करें। ओशो के विचार समाज को नयी दिशा देने वाले होते हैं। सड़ीगली मानसिकता में जी रहे लोगों को नया मार्ग मिल सके इस बात को खयाल में रखकर कृपया ओशो के बारे में अधिक से अधिक सामग्री प्रकाशित करें। एक महिला पाठक का कहना है कि स्त्रियों के अधिकारों के बारे में डॉ। मीणा ने जो कुछ लिखा है, वह वास्तव में ही सम्पूर्ण स्त्री समाज पर डॉ। मीणा का ऋण है। आज स्त्री अधिकारों के बारे में इतनी बेबाकी से कहने वाले लोग कहाँ बचे हैं!
मध्य प्रदेश के एक पाठक का कहना है कि प्रेसपालिका एक ऐसा समाचार-पत्र है, जिसे पत्रोत्तम की संज्ञा दी जानी चाहिये। उनका कहना है कि प्रेसपालिका में हर विषय को छूने का प्रयास किया गया है, जो बहुत अच्छा लगा। कर्नाटक के एक पाठक का कहना है कि इतने छोटे से समाचार-पत्र में बिना विज्ञापनों के इतनी अधिक और महत्वूपर्ण जानकारी प्रदान करना वाकई सुखद लगता है।
एक अन्य पाठक बैंगलूरू से कहते हैं कि उपभोक्ताओं के अधिकारों और सूचना अधिकार कानून पर प्रेसपालिका में अनेक निर्णय पढने को मिलते हैं, जो लोगों को जागरूक बनाने की दिशा में बढा कदम हैं। जिसके लिये प्रेसपालिका बधाई की पात्र है। वे आगे कहते हैं कि एक प्रेसपालिका के माध्यम से हम इतने जागरूक हो गये हैं, यदि बडे-बडे सभी समाचार-पत्र इसी प्रकार से सामग्री का चयन करें तो देश में जागरूकता का ग्राफ बहुत ऊंचा उठ सकता है।
उपरोक्त के अलावा भी अनेक पाठकों की प्रतिक्रियाएँ मोबाइल के मार्फत मिलती रहती हैं, जिन्हें अगले किसी अंक में शामिल करेंगे। पाठकों से आग्रह है कि वे अपनी प्रतिक्रिया लिखकर भेज सकें तो अधिक खुशी होगी। आपकी प्रतिक्रिया को प्रेसपालिका में आपके नाम से और आप ही के शब्दों में प्रकाशित करना सम्भव हो सकेगा। जिससे दूसरे पाठक भी प्रेरित एवं प्रोत्साहित होते हैं।
फिर भी किसी भी प्रकार से पाठकों की प्रतिक्रिया मिलना प्रेसपालिका के लिये बहुत सुखद अनुभूति हैं। प्रतिक्रिया देने वाले पाठकों के प्रति प्रेसपालिका प्रकाशक एवं सम्पादक मणडल आभारी है। कृपया आगे भी मार्गदशन करते रहें। हमारा प्रयास है कि हम आपके विचारों पर खरे उतर सकें।
-जानकी पुरुषोत्तम मीणा, प्रकाशक-प्रेसपालिका।

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