"केवल एफआईआर में नाम लिखवा देने मात्र के आधार पर ही पति-पक्ष के लोगों के विरुद्ध धारा-498ए के तहत मुकदमा नहीं चलाया जाना चाहिये"-सुप्रीम कोर्ट
मेरे शुभचिंतक और समालोचक जिनके विश्वास एवं संबल पर मैं यहाँ लिख पा रहा हूँ!
‘यदि आपका कोई अपना या परिचित पीलिया रोग से पीड़ित है तो इसे हलके से नहीं लें, क्योंकि पीलिया इतना घातक है कि रोगी की मौत भी हो सकती है! इसमें आयुर्वेद और होम्योपैथी का उपचार अधिक कारगर है! हम पीलिया की दवाई मुफ्त में देते हैं! सम्पर्क करें : डॉ. पुरुषोत्तम मीणा, 098750-66111
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Sunday, November 4, 2012
धारा 498-ए अप्राकृतिक व अन्यायपूर्ण!
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