मेरे शुभचिंतक और समालोचक जिनके विश्वास एवं संबल पर मैं यहाँ लिख पा रहा हूँ!

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Saturday, October 1, 2011

आदिवासी : ग्यारह अवरोधक

डॉ. पुरुषोत्तम मीणा ‘निरंकुश’

आजादी के तत्काल बाद संविधान में सामाजिक, शैक्षणिक एवं आर्थिक रूप से सर्वाधिक कमजोर जिन दो वर्गों या समूहों को चिह्नत किया गया था, उनमें एक आदिवासी वर्ग है, जिसे संविधान में ‘अनुसूचित जनजाति’ कहा गया था, संविधान में उसे दलित के समकक्ष खड़ा कर दिया था| इसके चलते वर्तमान में आदिवासी वर्ग देश का सर्वाधिक शोषित, वंचित और फिसड्डी वर्ग/समूह बना दिया गया है|