आरोप, अभियोग और महाअभियोग
डॉ. पुरुषोत्तम मीणा ‘निरंकुश’
अनुशासनहीनता करने या कानून का उल्लंघन करने पर लोक सेवकों के विरुद्ध आरोप लगाये जाते हैं, अभियोग चलाये जाते हैं और दोष सिद्ध होने पर उन्हें दण्डित भी किया जाता है, लेकिन लोक सेवक की परिभाषा में शामिल होने के उपरान्त भी हाई कोर्ट तथा सुप्रीम कोर्ट के जजों के खिलाफ आमतौर पर न तो किसी प्रकार का आरोप लगाया जाता है और न हीं उनके खिलाफ कोई अभियोग चलाया जाता है| हाँ यदि कोई भयंकर मामला बन जाये तो हाई कोर्ट तथा सुप्रीम कोर्ट के जजों के खिलाफ संसद में महाअभियोग लाया जा सकता है| यद्यपि संविधान लागू होने से आज तक किसी भी जज के खिलाफ महाअभियोग पारित करके संसद द्वारा किसी भी जज को अपदस्थ नहीं किया है|